आरटीआई अधिनियम का उल्लंघन: नया गांव नगर परिषद द्वारा जानकारी देने में टालमटोल, 75 दिन बीतने के बाद भी नहीं मिली जानकारी

आरटीआई अधिनियम का उल्लंघन: नया गांव नगर परिषद द्वारा जानकारी देने में टालमटोल, 75 दिन बीतने के बाद भी नहीं मिली जानकारी

Violation of RTI Act

Violation of RTI Act

मोहाली (नया गांव), 15 अप्रैल 2025: Violation of RTI Act: नया गांव नगर परिषद एक बार फिर विवादों में है, इस बार सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act) के स्पष्ट उल्लंघन को लेकर। स्थानीय नागरिकों श्री सतींदर शर्मा और श्रीमती रंजू बाला द्वारा मांगी गई जानकारी 75 दिनों के बाद भी प्रदान नहीं की गई है, जिससे प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

30 दिसंबर 2024 को दोनों नागरिकों ने नगर परिषद के जन सूचना अधिकारी को एक आरटीआई आवेदन सौंपा था, जिसमें  दशमेश नगर ढिल्लों फार्म रोड  हॉउस नम्बर 307 opposite H NO 21 नया गांव  में हो रहे अवैध निर्माण से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी। लेकिन जब वे 31 जनवरी 2025 को नगर परिषद कार्यालय पहुंचे तो उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उनकी अर्जी को RTI रजिस्टर में दर्ज ही नहीं किया गया था। इसके बाद, उन्होंने उसी दिन एक रिमाइंडर के साथ अपनी अर्जी की प्रति दोबारा जमा करवाई, लेकिन फिर भी न तो कोई लिखित उत्तर मिला और न ही कोई सूचना दी गई।

 अधिनियम के उल्लंघन और प्रशासनिक लापरवाही 

इस मामले में आरटीआई अधिनियम का उल्लंघन साफ तौर पर हो रहा है, क्योंकि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत संबंधित विभाग को 30 दिनों के भीतर जानकारी प्रदान करनी होती है, और 75 दिनों के बाद भी सूचना न मिलना प्रशासनिक लापरवाही और अनदेखी को दर्शाता है।

"यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतनी सीधी और सार्वजनिक जानकारी को भी हमें लेने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि नगर परिषद जानबूझकर जानकारी रोक रही है ताकि अवैध निर्माणों पर से पर्दा न उठ सके," श्री सतींदर शर्मा ने कहा। उन्होंने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए, जो नागरिकों के बुनियादी अधिकारों की अवहेलना कर रही है।

 प्रथम अपीलीय प्राधिकरण और प्रशासनिक उत्तरदायित्व 

थक-हार कर शिकायतकर्ताओं ने 14 फरवरी 2025 को प्रथम अपीलीय प्राधिकरण — एडीसी (शहरी विकास), मोहाली — के समक्ष अपील दायर की। इसके बाद, 18 मार्च 2025 को अपीलीय प्राधिकरण ने नगर परिषद को सूचना प्रदान करने का निर्देश दिया, लेकिन इसके बावजूद 18 मार्च के बाद भी जानकारी नहीं दी गई।

मोहाली उपायुक्त को भेजे गए पत्र में कार्रवाई की मांग की गई थी, लेकिन एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। हालांकि, एक सप्ताह के भीतर पूरी जानकारी देने का वादा किया गया था, लेकिन अब एक माह से अधिक समय बीत चुका है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

शिकायतकर्ताओं को हाल ही में व्हाट्सएप के माध्यम से एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें अपीलीय प्राधिकरण ने कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद नया गांव को निर्देश दिया कि 17 अप्रैल 2025 तक वांछित सूचना अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवाई जाए।

 कानूनी दृष्टिकोण: क्या नगर परिषद जवाबदेही से बच सकती है? 

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत, यदि किसी सरकारी विभाग द्वारा जानकारी समय पर नहीं दी जाती है, तो इसे गंभीर उल्लंघन माना जाता है। आरटीआई अधिनियम में नागरिकों को पारदर्शिता, जवाबदेही और सार्वजनिक सूचना प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है। प्रशासन द्वारा जानबूझकर देरी करना या जानकारी रोकना एक गंभीर कानूनी समस्या बन सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि 17 अप्रैल तक जानकारी नहीं दी जाती है, तो शिकायतकर्ता कानूनी कार्रवाई की राह खोल सकते हैं। इसके अंतर्गत संबंधित अधिकारी के खिलाफ जुर्माना या अन्य प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है।

 अंतिम सवाल: क्या नगर परिषद जानकारी प्रदान करेगी? 

अब सवाल यह है कि क्या नया गांव नगर परिषद 17 अप्रैल तक पूरी जानकारी देगी, या फिर यह मामला आंशिक उत्तरों और देरी का शिकार बनकर लंबी कानूनी प्रक्रिया में उलझ जाएगा? आने वाले दिन इस मामले के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं, और नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई जारी रह सकती है।